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    आपकी हाउसिंग सोसायटी के प्लॉट की क्या हो पाएगी रजिस्ट्री:कानून में बदलाव से जमीन खरीद में फर्जीवाड़े रुकेंगे, अवैध कॉलोनियों की पहचान होगी

    1 day ago

    राज्य सरकार ने रजिस्ट्रेशन एक्ट-2021 में हुए संशोधन को लागू कर दिया है। इसके बाद पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है। अकेले जयपुर में सैकड़ों सोसायटी की काटी कॉलोनियां हैं। राजस्थान की बात करें तो ये आंकड़ा हजारों में पहुंच जाएगा। गृह निर्माण या आवासीय सोसायटी में रह रहे लोगों और प्लॉट खरीदने-बेचने वालों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं… भास्कर ने एक्ट में हुए संशोधन के सभी पहलुओं पर सरकार के आला अधिकारियों और एक्सपट्‌र्स से बात की। उनका कहना है कि ऐसा नहीं है कि सभी तरह की सोसायटियों की ओर से काटी गई कॉलोनियों के पट्टों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। संकट सिर्फ उन सोसायटी के लिए हैं, जिन्होंने अवैध कॉलोनियां काटी हुई हैं। ऐसी कॉलोनियों के प्लॉट-मकान खरीद की रजिस्ट्रियों पर रोक लगाई है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सवाल : आखिर सोसायटी की ओर से बसाई कॉलोनियों को लेकर इतनी गफलत क्यों रहती है? एक्सपर्ट : कुछ सोसायटी की ओर से प्लॉट खरीदारों के साथ लंबे समय से गड़बड़ी की जा रही थी। कुछ सोसायटी बैक डेट में पट्टे जारी कर प्लॉटों की खरीद-फरोख्त में शामिल हो रही थीं। प्रॉपर्टी खरीदने के बाद लोग ठगा महसूस कर रहे थे। लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा था। लगातार शिकायतें आने के बाद 4 साल पहले पिछली सरकार ने सख्त कदम उठाया था। गृह निर्माण सहकारी समितियों की ओर से 17 जून, 1999 के बाद काटे गए भूखंड और पट्टों को कानूनी मान्यता रद्द कर दी थी। इस तारीख के बाद विकसित हुई आवासीय कॉलोनियों में सोसायटी द्वारा जारी पट्टों को मान्यता नहीं दी जाएगी। तब सरकार ने कहा था 2001 तक जिन सोसायटियों के रिकॉर्ड जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में जमा हो चुके, वे मान्य रहेंगी। सवाल : क्या पिछली सरकार ऐसे फ्रॉड से लोगों के बचाने में सफल रही? एक्सपर्ट : पिछली सरकार के कदम से फ्रॉड काफी कम हो गए, लेकिन थम नहीं रहे थे। 1999 से पहले की तारीखों में खरीदे गए स्टांप के जरिए कई सोसायटी मिलीभगत कर अवैध रूप से प्लॉटों के पट्टे जारी कर रही थीं। एक ही प्लॉट कई लोगों को बेच दिया जाता। सरकार का मानना था कि जब 2001 तक जेडीए में सोसायटी की काटी कॉलोनियों का रिकॉर्ड आ जाएगा, तो सभी प्लॉट धारियों की जानकारी मिल जाएगी। ऐसे में प्लॉटों के अवैध खरीद-बेचान को रोका जा सकेगा। लेकिन कई सोसायटी रोक के बावजूद बैक डेट में पट्टे जारी कर रही थीं। सवाल : संशोधन से किस तरह की सोसायटी या कॉलोनियों पर संकट है? एक्सपर्ट : संशोधन का साफ मतलब है कि बिना भू-रूपांतरण (लैंड यूज चेंज) या भू-राजस्व कानून की धारा 90ए (जमीन का आवासीय में कन्वर्जन) के तहत जमीन का आवासीय में कन्वर्जन करवाए बिना जारी किए गए सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक रहेगी। इस रोक के दायरे में कृषि भूमि पर, चारागाह भूमि, नदी-नालों की जमीनों या फिर सरकारी के अधिकार की जमीन पर सोसायटियों की ओर से जारी अवैध पट्टों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। सवाल : किस तरह के सोसायटी के प्लॉटों-मकानों की रजिस्ट्रियां हो सकती हैं? एक्सपर्ट : जिन सोसायटी ने अपना रिकॉर्ड विकास प्राधिकरणों, नगर सुधार न्यास में जमा करवा दिया है और उनके रिकॉर्ड को प्रशासन ने सही माना है, उनके प्लॉट और मकानों की रजिस्ट्रियां हो सकेंगी। संबंधित सोसायटी की जमीन का पूरा नक्शा और बसावट तय नियम-कायदों के आधार पर की हुई है, उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। ऐसी कॉलोनियों में रहने वालों को भी कोई परेशानी नहीं है। उन्हें अपनी प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने में किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं होगी। सवाल : सोसायटी की काटी कॉलोनी में प्लाॅट या मकान खरीदते समय ठगी से बचने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए? एक्सपर्ट : सोसायटी का प्लॉट या मकान खरीदते समय खरीदार अपने स्तर पर 3 तरह से आसानी से जांच कर सकता है। सवाल : यदि किसी के पास वैध सोसायटी के वैध प्लाॅट का पट्टा हो तो खरीदने वाले को रजिस्ट्री के समय क्या करना होगा? एक्सपर्ट : पहले कहा गया था- सोसायटी पट्टों के रजिस्ट्रेशन के समय अब प्लाॅट या मकान के खरीदार को बताना होगा कि जहां प्लॉट खरीदा है, उस भूमि का कन्वर्जन हो गया है या वह 90ए में शामिल है। रजिस्ट्री ऑफिस में जेडीए से संबंधित जमीन के दस्तावेज, सोसायटी की ओर से दिए गए 90 एक दस्तावेज और जमाबंदी को पेश कर सकता है। इसके आधार पर रजिस्ट्री हो जाएगी। दबाव के बाद अब इन शर्तों को भी सरकार ने हटा दिया है। ऐसे डॉक्यूमेंट्स देने की भी जरूरत नहीं रहेगी। सवाल : सरकार ने ये आदेश निकाला क्यों? एक्सपर्ट : इस आदेश के पीछे सरकार की मंशा है कि गलत तरीके से सरकारी जमीन, एससी-एसटी की जमीन, कृषि भूमि का बेचान नहीं हो। इसे लेकर कई तरह के विवाद होते रहते हैं। काश्तकारी अधिनियम के तहत एससी-एसटी की जमीन केवल एससी-एसटी के व्यक्ति को ही बेची जा सकती है। लेकिन कई सोसायटी वाले एससी-एसटी की जमीन खरीदकर बिना कन्वर्जन के ही उस पर प्लॉटिंग कर देते थे। इसके बाद उन जमीनों पर विवाद खड़ा हो जाता था। इससे बचने के लिए सरकार ने रजिस्ट्रेशन एक्ट में संशोधन को लागू कर दिया है। ऐसे में उन लोगों की मुसीबत बढ़ गई है, जिन्होंने सोसायटी से प्लॉट खरीद लिए हैं। अगर सोसायटी उन्हें कन्वर्जन और 90ए के दस्तावेज नहीं देती है तो उन्हें अब जिला प्रशासन और जेडीए से कन्वर्जन और 90ए के कागजात लेने होंगे। .... सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक से जुड़ ये खबर भी पढ़िए... प्रदेश में अब सोसाइटी पट्टों की नहीं होगी रजिस्ट्री:प्लॉट के लैंड कन्वर्जन का सबूत देना होगा, 90A बिना रजिस्ट्री नहीं प्रदेश में अब बिना कन्वर्जन और 90ए के सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री नहीं होगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने रजिस्ट्रेशन एक्ट-2021 में हुए संशोधन को मंगलवार से लागू कर दिया है। पूरी खबर पढ़िए...
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