Bagheera का शानदार सफर: Prashanth Neel की Story, Dr. Suri का Vision और दर्शकों के लिए सस्पेंस!

(image: www.desimartini.com)

“Bagheera,” Hombale Films का अगला धमाकेदार प्रोजेक्ट, सिनेमाघरों में धूम मचाने आ रहा है। Writer-Director Prashanth Neel ने इस कहानी की शुरुआती रूपरेखा तैयार की थी, लेकिन इसे पर्दे पर उतारने का असली कमाल Dr. Suri का है। जिस तरह उन्होंने Neel की initial concept को एक cinematic masterpiece में बदल दिया, वह वाकई काबिले तारीफ है। Prashanth Neel ने खुद यह माना कि फिल्म की कहानी और सीन कुछ ऐसे हैं जो दर्शकों को चौंका देंगे।

Dr. Suri की Bold Choice: Trailer में सस्पेंस बरकरार Neel के अनुसार, Suri ने एक बड़ा bold decision लिया, ट्रेलर में फिल्म के सबसे बेहतरीन सीन न दिखाने का। “Usually, जब हम ट्रेलर बनाते हैं तो उसमें best shots डालते हैं,” Neel ने कहा। “लेकिन Suri ने जो साहसी फैसला लिया, उसने फिल्म का मजा दोगुना कर दिया। जो मज़ा दर्शकों को थिएटर में मिलेगा, वो कहीं और नहीं।”

Screenplay में दो साल की मेहनत Dr. Suri ने Bagheera के screenplay को डिटेल में डेवलप करने में दो साल से ज्यादा का समय लगाया। इस intense मेहनत का नतीजा एक जटिल और गहराई वाली कहानी है, जिसमें श्रीमुरली (Sriimurali) लीड रोल में नजर आएंगे। Prashanth Neel का कहना है, “मैंने बस एक concept दिया था, लेकिन इसे फिल्म की शक्ल में ढालने का असली श्रेय Suri को जाता है। उनकी dedication और creativity का ही नतीजा है कि Bagheera अब एक cinematic marvel बन चुका है।”

Neel का Suri के Vision पर भरोसा Neel ने साफ शब्दों में कहा कि Bagheera को पूरी तरह से Suri का प्रोजेक्ट माना जाना चाहिए। “जो भी फिल्म में दिखेगा, 100 प्रतिशत उसका ही है। अगर फिल्म अच्छी है तो पूरा credit Suri को जाता है, और अगर कोई कमी रह गई तो भी वही responsible हैं।” Neel का कहना है कि उनकी भूमिका सिर्फ Suri के ideas को validate करने तक सीमित थी, जैसा कि उन्होंने Sriimurali के साथ Ugramm में और Yash के साथ KGF में किया था।

Bagheera: Suri की Signature Style Prashanth Neel का कहना है, “Bagheera मेरे दिमाग में एक अलग concept था, लेकिन जिस तरह Suri ने इसे आगे बढ़ाया, वो वाकई शानदार है। ये पूरी तरह से उनकी signature style है।” इस फिल्म में एक gripping कहानी और intensifying suspense है, जिसे केवल थिएटर में ही महसूस किया जा सकता है।

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