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    खुलने से पहले Tata Capital का IPO मचा रहा धमाल, LIC ने लगाया 700 करोड़ का दांव; कतार में और भी कई दिग्गज

    Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की NBFC कंपनी टाटा कैपिटल ने एंकर निवेशकों से 4642 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिसमें लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (LIC) ने सबसे बड़ा 700 करोड़ रुपये का दांव लगाया है, जो एंकर बुक का 15.08 परसेंट है. LIC को 2,14,72,386 शेयर अलॉट किए गए. कंपनी की फाइलिंग के मुताबिक, दूसरे निवेशकों में नोमुरा इंडिया इन्वेस्टमेंट फंड मदर फंड (3.77 परसेंट), नोमुरा इंडिया इन्वेस्टमेंट फंड मदर फंड (3.77 परसेंट) और मॉर्गन स्टेनली इन्वेस्टमेंट फंड्स एशिया ऑपर्चुनिटी फंड (3.15 परसेंट) शामिल हैं. इसके अलावा, नॉर्वे के वेल्थ फंड, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल को 125 करोड़ रुपये 2.69 परसेंट इक्विटी अलॉट किए गए हैं.  शेयर 310-326 रुपये प्रति शेयर के अपर प्राइस बैंड पर अलॉट किए गए. कौन हैं एंकर निवेशक? एंकर निवेशक आमतौर पर कोई संस्थान, म्यूचुअल फंड या पेंशन फंड शामिल होते हैं. इन्हें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स (QIB) भी कहा जाता है. आईपीओ में एंकर निवेशकों के शामिल होने के कई फायदे हैं, इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है. चूंकि आईपीओ के खुलने से पहले से एक बड़ा फंड हासिल हो जाता है इसलिए दूसरे निवेशक भी निवेश के लिए प्रोत्साहित होते हैं. इससे स्टेबिलिटी बढ़ती है, स्टॉक के लिए एक प्राइस बैंड सेट करने में मदद मिलती है, जिससे अच्छी कीमत पर लिस्टिंग हो.  एंकर बुक में किन कंपनियों ने हिस्सा लिया?  एंकर बुक में SBI लाइफ इंश्योरेंस, SBI जनरल इंश्योरेंस, HDFC लाइफ इंश्योरेंस, आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस, ICICI लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस,  भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस, केनरा HSBC लाइफ इंश्योरेंस, नवी जनरल इंश्योरेंस और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस जैसे निवेशक शामिल हुए. इनके अलावा,  ICICI प्रूडेंशियल MF, HDFC AMC, आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC, DSP MF, एक्सिस म्यूचुअल फंड, व्हाइटओक कैपिटल, निप्पॉन लाइफ, महिंद्रा मनुलाइफ, एडलवाइस, कोटक महिंद्रा AMC, मोतीलाल ओसवाल AMC, UTI AMC, बंधन MF, बड़ौदा PNB परिबास MF, इनवेस्को इंडिया, मिरे एसेट और PGIM इंडिया 18 घरेलू म्यूचुअल फंड हाउसेज ने मिलकर टाटा कैपिटल के 5.06 करोड़ शेयर 1,650.4 करोड़ रुपये में खरीदे.   डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.) ये भी पढ़ें:  Reliance Jio के IPO को लेकर आया बड़ा अपडेट, कंपनी ने शुरू की बैंकरों के साथ बातचीत; जानें कब होगा लॉन्च? 

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    UK Immigration: Refugees के लिए Residency पाने की राह हुई मुश्किल| Paisa Live

    Britain ने अब शरणार्थियों के लिए अपने Immigration नियमों को और सख्त करने का फैसला किया है। नए सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, अब उन प्रवासियों को देश में स्थायी रूप से बसने और परिवार लाने का अधिकार नहीं मिलेगा, जिन्हें शरण दी गई है। यह कदम मौजूदा लेबर सरकार ने अपने Coalition Partner Popular Reform UK Party के दबाव में लिया है, जो अवैध प्रवास के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के लिए जाना जाता है।अब तक जिन प्रवासियों को Refugee Status मिलता था, वे 5 साल बाद Permanent Residency के हकदार बन जाते थे। लेकिन नए नियमों में इस प्रक्रिया को कठिन बना दिया गया है। अब स्थायी निवास पाने के लिए प्रवासी को न केवल लंबे समय तक रुकना होगा, बल्कि उसे देश के लिए विशेष योगदान देना भी जरूरी होगा।इसके अतिरिक्त, स्थायी निवास के लिए पात्रता अवधि को 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। साथ ही, आवेदक को English proficiency, Clear criminal record, social security contribution और community involvement जैसे कई नए मापदंड पूरे करने होंगे।

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    IPO Alert: Greenleaf Envirotech IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band| Paisa Live

    Greenleaf Envirotech IPO is a book build issue of ₹21.90 crores. Greenleaf Envirotech IPO bidding opened for subscription on Sep 30, 2025 and will close on Oct 6, 2025 . The allotment for the shares is expected to be finalized on Oct 6, 2025.Greenleaf Envirotech IPO will list on BSE, NSE with a tentative listing date fixed as Oct 9, 2025. Greenleaf Envirotech IPO price band is set at ₹136 per share.                                                                                                                     

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    P&G ने समेटा कारोबार Pakistan में टूट रहा है Foreign Companies का भरोसा?| Paisa Live

    Pakistan की अर्थव्यवस्था इन दिनों गहरे संकट में है, और इसका सीधा असर विदेशी निवेश पर पड़ रहा है। हाल ही में MFCG क्षेत्र की दिग्गज Company Procter & Gamble (P&G) ने Pakistan से अपने कारोबार को समेटने का ऐलान कर दिया है। Company ने स्पष्ट किया कि वहां का आर्थिक और राजनीतिक माहौल अब व्यापार के लिए उपयुक्त नहीं रहा। विदेशी मुद्रा संकट, ऊंचे Tax, राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती महंगाई जैसे कारणों से कारोबारी गतिविधियां गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं।P&G से पहले Microsoft, Yamaha, Telenor, Shell, Total Energies, और Pfizer जैसी बड़ी Companies भी Pakistan में अपनी Manufacturing और संचालन बंद कर चुकी हैं। इन Companies के बाहर जाने से देश में निवेश, रोजगार, तकनीकी स्थानांतरण और Business Confiedence पर बुरा असर पड़ा है। करीब 36 लाख करोड़ की GDP वाली पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के लिए यह झटका किसी चेतावनी से कम नहीं है। अगर हालात में सुधार नहीं होता, तो आने वाले दिनों में और भी Companies देश छोड़ सकती हैं।

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    Reliance Jio के IPO को लेकर आया बड़ा अपडेट, कंपनी ने शुरू की बैंकरों के साथ बातचीत; जानें कब होगा लॉन्च?

    Reliance Jio IPO: Reliance Jio के IPO को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है. ब्लूमबर्ग ने मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि Reliance Industries (RIL) ने अपनी यूनिट Reliance Jio Infocomm Ltd की संभावित लिस्टिंग को लेकर बैंकों के साथ अनौपचारिक बातचीत शुरू कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने के आखिर तक औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो सकती है. उम्मीद जताई जा रही है रिलायंस नवंबर में ऑफिशियली इंवेस्टमेंट बैंकरों की नियुक्ति कर लेगी. इस पर बातचीत जारी है. आईपीओ के साइज और इसके लॉन्च होने की तारीख बदल सकते हैं.  देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ  ब्लूमबर्ग ने पहले बताया था कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी टेलीकॉम कंपनी जियो इन्फोकॉम की लिस्टिंग से 52,200 करोड़ रुपये (करीब 6 अरब डॉलर) जुटाने पर विचार कर रही है, जो भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है. जियो की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इसकी घोषणा की थी. जियो का आईपीओ अगले साल यानी 2026 की पहली छमाही में लॉन्च होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस ने जियो इन्फोकॉम में केवल 5 परसेंट हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी लेने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के साथ भी बातचीत शुरू कर दी है. अगर मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत में आईपीओ के सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ देगा और हुंडई मोटर इंडिया के 28,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को भी पीछे छोड़ देगा.  आईपीओ का साइज हो जाएगा आधा मौजूदा नियमों के तहत कंपनियों के लिए लिस्टिंग के 3 साल के भीतर 25 परसेंट पब्लिक शेयरहोल्डिंग बनाए रखना जरूरी है. हालांकि, ब्लूमबर्ग ने बताया कि रिलायंस ने सेबी को बताया है कि मार्केट में बड़े ऑफर को अब्जॉर्व करने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं हो सकती है. बाजार में लिस्टिंग को आसान बनाया जा सके इसके लिए रिलायंस जियो छोटी हिस्सेदारी बेचने की मांग कर रही है. सेबी के भी संशोधित नियमों के मुताबिक, बड़ी कंपनियों को 5 परसेंट के बजाय अब सिर्फ 2.5 परसेंट हिस्सेदारी बेचनी होगी. यानी कि सेबी ने सार्वजनिक हिस्सेदारी को 5 परसेंट से घटाकर 2.5 परसेंट कर दिया है. सेबी के इस नए नियम के साथ रिलायंस जियो के आईपीओ का साइज आधा हो जाएगा. यानी कि यह 52,200 करोड़ रुपये से घटकर 30,000 करोड़ रुपये के आसपास होगा.    डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.) ये भी पढ़ें: Reliance Jio के IPO ने बढ़ाई हलचल, जानें कितना होगा इसका साइज? एक्सपर्ट्स ने लगाया अनुमान 

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    WhatsApp और Telegram भी हो गए फेल! Zoho के Arattai में मिल रहा ऐसा खास फीचर जो और किसी में नहीं मिलेगा

    Zoho Arattai: चेन्नई स्थित Zoho Corporation का होमग्रोन मैसेजिंग ऐप Arattai इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इसे Meta के WhatsApp को भारत का जवाब माना जा रहा है. वजह है इसका ऐसा फीचर जो किसी भी ग्लोबल मैसेजिंग ऐप में अब तक नहीं मिला Android TV के लिए आधिकारिक ऐप सपोर्ट. Android TV पर पहली बार मैसेजिंग ऐप अब तक WhatsApp, Telegram, Signal, WeChat, Line या KakaoTalk किसी का भी ऑफिशियल Android TV वर्ज़न नहीं था. यूज़र्स को मैसेजिंग के लिए जुगाड़ तरीके अपनाने पड़ते थे. लेकिन Arattai ने इस समस्या का स्थायी हल दे दिया है. Google Play Store पर इसका ऑफिशियल Android TV ऐप उपलब्ध है जिसे आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है. मल्टी-डिवाइस सपोर्ट से बढ़ी ताकत WhatsApp की तुलना में Arattai ने बहुमुखी सपोर्ट देकर बढ़त बनाई है. यह सिर्फ स्मार्टफोन पर ही नहीं, बल्कि Linux, macOS और Windows पर भी उपलब्ध है. यानी एक ही अकाउंट को कई डिवाइस पर चलाने की आज़ादी. Android TV सपोर्ट मिलने के बाद इसकी उपयोगिता और भी बढ़ गई है. Arattai Vs WhatsApp मीटिंग्स फीचर: WhatsApp की वीडियो कॉलिंग जहां सीमित है, वहीं Arattai ने इसमें Google Meet और Zoom जैसा अनुभव जोड़ दिया है. ऐप के अंदर ही यूज़र इंस्टेंट मीटिंग बना सकते हैं जॉइन कर सकते हैं या शेड्यूल कर सकते हैं. पॉकेट (Pocket): WhatsApp पर कई लोग खुद को मैसेज भेजकर जानकारी सेव करते हैं. Arattai ने इसे अपग्रेड कर ‘Pocket’ नाम का क्लाउड स्टोरेज फीचर दिया है जहां टेक्स्ट, मीडिया और लिंक सुरक्षित रखे जा सकते हैं. मेंशन्स (Mentions): WhatsApp पर नोटिफिकेशन ढूँढना मुश्किल हो सकता है लेकिन Arattai में Slack जैसी Mentions टैब मौजूद है जिससे पता चलता है कि किस मैसेज में आपको टैग किया गया है. नो ऐड्स पॉलिसी: Arattai ने साफ किया है कि वह यूज़र्स का डेटा विज्ञापन के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा. जबकि WhatsApp अब ‘Updates’ टैब में विज्ञापन दिखाने लगा है और Meta के साथ डेटा भी साझा करता है. AI से छुटकारा: WhatsApp में AI फीचर्स को जबरन जोड़ा गया है और उन्हें बंद करने का विकल्प नहीं मिलता. वहीं Arattai में अभी कोई अनचाहा AI इंटरफेस नहीं है जिससे यूज़र्स को क्लीन और सिंपल अनुभव मिलता है. भारत में बनी यह ऐप धीरे-धीरे ‘WhatsApp Killer’ के नाम से मशहूर हो रही है. Arattai न सिर्फ़ सुरक्षित और विज्ञापन-रहित अनुभव देता है, बल्कि Android TV सपोर्ट और इनोवेटिव फीचर्स की वजह से इसे मौजूदा चैटिंग ऐप्स पर बढ़त हासिल हो रही है. यह भी पढ़ें: AI WiFi का कमाल! जानिए क्या है ये नई टेक्नोलॉजी जो आपके इंटरनेट को बना देगी रॉकेट से भी तेज़

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    अरबाज खान की वाइफ शूरा खान हॉस्पिटल में एडमिट, कभी भी हो सकती है डिलीवरी

    बॉलीवुड के खान परिवार में जल्द ही खुशियां दस्तक देने वाली हैं. दरअसल सलमान खान के भाई और एकटर अरबाज खान की वाइफ शूरा प्रेग्नेंट हैं. जो आज यानि 4 अक्टूबर को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती हो चुकी हैं. शूरा को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जहां से एक वीडियो भी सामने आया है. अस्पताल में भर्ती हुईं अरबाज की वाइफ शूरा अरबाज खान ने साल 2023 में शूरा खान से शादी की थी. दोनों की शादी को दो साल होने वाला है. अब ये कपल अपने पहले बच्चे का स्वागत करने जा रहा है. हाल ही में सामने आई खबर के अनुसार शूरा की डिलीवरी के लिए अस्पताल में एडमिट हो चुकी हैं और अब कभी भी वो अपने बच्चे को जन्म दे सकती हैं. नन्हे मेहमान के लिए अरबाज के साथ उनकी पूरी फैमिली काफी एक्साइटिड है.           View this post on Instagram                       A post shared by Instant Bollywood (@instantbollywood) बेबी शावर में येलो ड्रेस में नजर आई थीं शूरा हाल ही में शूरा खान की गोदभराई सेरेमनी भी रखी गई थी. जिसमें पूरा खान परिवार शामिल हुआ था. इसके अलावा कई बॉलीवुड और टीवी स्टार्स ने भी इस फंक्शन में हिस्सा लिया था. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अभी भी वायरल हो रही हैं. बेबी शावर में शूरा खान येलो कलर की लॉन्ग ड्रेस पहनकर पहुंची थी. जिसमें वो अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट करती हुई भी दिखाई दी थी.           View this post on Instagram                       A post shared by Jannat Zubair Rahmani (@jannatzubair29) कौन हैं शूरा खान?  बता दें कि शूरा खान बॉलीवुड की फेमस मेकअप आर्टिस्ट हैं. वो एक्ट्रेस रवीना टंडन और उनकी बेटी राशा थडानी के साथ काम करती है. अरबाज से उनकी पहली मुलाकात ‘पटना शुक्ला’ के सेट पर हुई थी. जहां पहले उनकी दोस्ती हुई और फिर प्यार परवान चढ़ा. अब कपल अपने पहले बच्चे का वेलकम करने जा रहा है. ये भी पढ़ें -  पहली बार कहां हुई थी रश्मिका-विजय की मुलाकात? कैसे शुरू हुई लव स्टोरी! जानें- इनके रिश्ते की पूरी टाइमलाइन

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    एक व्यू आने पर कितना पैसा देती है YouTube? कंटेट क्रिएटर के लिए ये बातें जानना है जरूरी

    अगर आप कंटेट क्रिएटर हैं तो यूट्यूब के कमाई के नियमों की जानकारी होना जरूरी है. यूट्यूब हर सिंगल व्यू के लिए क्रिएटर को पैसा देती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी वीडियो पर 10 लाख व्यूज आने पर आप मालामाल हो जाएंगे. दरअसल, यूट्यूब अपने क्रिएटर्स को एड पर आए व्यूज के लिए पैसा देती है. एडवरटाइजर की तरफ से मिलने वाली रकम में से 45 प्रतिशत यूट्यूब खुद रखती है और 55 प्रतिशत क्रिएटर्स को दिया जाता है.  कैसे काम करता है यूट्यूब का पे-पर-व्यू सिस्टम? एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिएटर्स की कमाई के लिए यूट्यूब का पे-पर-व्यू सिस्टम काम करता है. इसका मतलब यह नहीं है कि आपके वीडियो पर आए हर व्यू के लिए आपको पैसा मिलेगा. असल में यूट्यूब आपके वीडियो पर चलने वाली एड को मिले व्यूज के हिसाब से पैसे देती है. उदाहरण के तौर पर अगर आपके वीडियो पर एक लाख व्यूज आए हैं, लेकिन इस पर कोई एड नहीं है तो आपको पैसा नहीं मिलेगा. वहीं अगर आपके वीडियो पर एक लाख व्यूज हैं और उस पर चलने वाली एड को 10,000 व्यूज मिले हैं तो इन्हीं 10,000 व्यूज का पैसा आपके खाते में आएगा.  ज्यादा एड व्यूज मतलब ज्यादा पैसा अगर आपके किसी वीडियो पर एक से ज्यादा एड चल रही है तो इन पर आपके वीडियो की तुलना में ज्यादा व्यूज आ सकते हैं. ऐसी स्थिति में आपके वीडियो पर कम व्यूज होने पर आपकी अच्छी कमाई होगी. असल में यूट्यूब की खुद की कमाई विज्ञापनों से होती है. इसलिए वह केवल विज्ञापनों के आधार पर क्रिएटर्स को पैसा देती है. व्यूज के हिसाब से कितना पैसा मिलता है? इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं है. व्यूज के हिसाब से कमाई सब्सक्राइबर्स, वीडियो की रीच और एंगेजमेंट आदि कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है. फिर भी अगर मोटे तौर पर अनुमान लगाया जाए तो एक क्रिएटर 1000 एड व्यूज पर 5-15 डॉलर (लगभग 444 रुपये से लेकर 1330 रुपये) तक कमा सकता है.  ये भी पढ़ें- EMI पर खरीदे फोन की पेमेंट नहीं दी तो बढ़ेगी मुश्किल, फोन हो जाएगा लॉक, आ रहा है नया नियम

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    सोने से आगे बढ़ता जा रहा चांदी, एक महीने में 19 परसेंट से ज्यादा उछला भाव; अभी कितनी है कीमत?

    Silver Price: सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर हमारी नजर बनी रहती है, लेकिन क्या आपको पता है कि सितंबर के महीने में चांदी की कीमत में 19.4 परसेंट की तेजी आई है. जबकि इसके मुकाबले सोने की कीमत महज 13 परसेंट ही बढ़ी है. सोलर और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स से बढ़ती डिमांड और ग्लोबल सप्लाई में कमी के चलते चांदी की कीमत बढ़ी है. चांदी की कीमत 1 सितंबर के 1,26,000 रुपये प्रति किलोग्राम से 24,500 रुपये बढ़कर 30 सितंबर को 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. हाल के सालों में किसी एक महीने में चांदी की कीमत में आए तेज उछाल में से यह एक है.  रिकॉर्ड हाई लेवल पर चांदी  शुक्रवार को दिल्ली में चांदी की कीमत 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर बरकरार रही और मंगलवार को इसने 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम के अपने रिकॉर्ड हाई लेवल को छू लिया. इसके विपरीत, सितंबर में सोने की कीमतों में 14,330 रुपये प्रति 10 ग्राम या 13.56 परसेंट का इजाफा हुआ है. 1 सितंबर को चांदी 1,05,670 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से बढ़कर 30 सितंबर को 1,20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जिंस बाजार के एक्सपर्ट्स का कहना है कि चांदी निवेश का अच्छा विकल्प है. साथ ही इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड भी है. इसकी टोटल डिमांड में इं​डस्ट्रियल कंजप्शन की हिस्सेदारी 60-70 परसेंट तक है. क्यों बढ़ रही है चांदी की कीमत?  कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि चांदी निवेश का भी एक बेहतर विकल्प है और इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड है, जिसके चलते सोने के मुकाबले इसमें तेजी आई है. वेंचुरा में कमोडिटी डेस्क हेड और CRM एनएस रामास्वामी ने कहा, "बाजार में लगातार सात साल से चांदी की सप्लाईमें कमी आ रही है. अकेले सौर पैनल में इस्तेमाल के लिए 2023 में 232 मिलियन औंस चांदी की जरूरत होगी. इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इनकी डिमांड खासतौर पर है. उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाई के बीच बैलेंस न बन पाने की वजह से चांदी पर दबाव बना हुआ है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि सोलर कैपेसिटी,  इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और 5G रोलआउट के बढ़ते दायरे के बीच अगले कुछ सालों में खपत बढ़ेगी. ग्लोबल लेवल पर स्पॉट सिल्वर लगभग 2 परसेंटबढ़कर 47.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है.  ये भी पढ़ें:  घर में कितना रख सकते हैं सोना? लिमिट से बाहर गोल्ड रिजर्व करने पर होगी कार्रवाई, जानें क्या है नियम?

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    ये है दुनिया का पहला कैमरा जो शरीर के अंदर की भी फोटो खींच सकता है, जानिए क्या है टेक्नोलॉजी

    Perovskite Camera: न्यूक्लियर मेडिसिन तकनीकें जैसे SPECT स्कैन अब तक डॉक्टरों को दिल की धड़कन, खून के प्रवाह और शरीर में छिपी बीमारियों को देखने में मदद करती रही हैं. लेकिन इन स्कैनर्स में इस्तेमाल होने वाले डिटेक्टर्स बेहद महंगे और जटिल होते हैं. अब नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी (अमेरिका) और सूझो यूनिवर्सिटी (चीन) के शोधकर्ताओं ने दुनिया का पहला पेरोव्स्काइट-बेस्ड डिटेक्टर बनाया है जो गामा रेज को बेहद सटीकता से पकड़कर SPECT इमेजिंग को और भी साफ, किफायती और सुरक्षित बना देगा. पेरोव्स्काइट क्यों है खास? पेरोव्स्काइट क्रिस्टल पहले सोलर एनर्जी में क्रांति ला चुके हैं और अब इन्हें मेडिकल इमेजिंग में इस्तेमाल किया जा रहा है. रिसर्च टीम का कहना है कि इस तकनीक से बने डिटेक्टर्स न केवल ज्यादा सटीक इमेज देंगे बल्कि मरीजों को कम रेडिएशन और छोटे स्कैन समय से फायदा मिलेगा. पुराने डिटेक्टर्स की कमियां अभी तक CZT (कैडमियम जिंक टेलुराइड) और NaI (सोडियम आयोडाइड) क्रिस्टल्स से बने डिटेक्टर्स इस्तेमाल में आते हैं. लाखों डॉलर तक कीमत, बनाने में मुश्किल और बेहद नाजुक. सस्ते लेकिन भारी-भरकम और इमेज उतनी साफ नहीं, मानो धुंधले शीशे से देखना. इन सीमाओं को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने पेरोव्स्काइट क्रिस्टल्स पर भरोसा किया. रिकॉर्ड तोड़ इमेजिंग क्षमता 2013 में पहली बार साबित हुआ था कि पेरोव्स्काइट क्रिस्टल्स गामा किरणों और एक्स-रे को पहचान सकते हैं. अब इसी तकनीक को आगे बढ़ाते हुए शोधकर्ताओं ने पिक्सल-बेस्ड सेंसर बनाया है, बिल्कुल स्मार्टफोन कैमरे के पिक्सल्स की तरह. इस सेंसर ने अब तक की सबसे बेहतर ऊर्जा रेज़ोल्यूशन दी. बेहद हल्के सिग्नल को भी कैप्चर किया, जिससे क्लिनिकल स्कैनर्स में बारीक़ से बारीक़ डिटेल्स तक दिखाई दीं. स्कैन तेज़, स्थिर और सुरक्षित हो गया. मरीजों को कैसे मिलेगा फायदा नए पेरोव्स्काइट कैमरे से बने डिटेक्टर्स ज्यादा संवेदनशील हैं इसलिए मरीजों को. कम समय तक स्कैन करवाना होगा, कम रेडिएशन की खुराक दी जाएगी और डॉक्टरों को साफ़-सुथरी डायग्नोस्टिक इमेज मिलेगी. यह भी पढ़ें: विडियो के करोड़ों रुपए देता है YouTube, जानिए खुद किन चीजों से कमाता है पैसे

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    8 महीने से लगातार गिर रहे थे शेयर, अब ऐसे पलटा पासा; महज 1 महीने में 87 परसेंट तक चढ़ा स्टॉक

    Smallcap Stock: भारतीय शेयर बाजार के लिए सितंबर का महीना उतार-चढ़ाव भरा रहा. हालांकि, इसके बावजूद कुछ स्मॉल कैप स्टॉक्स में गजब की तेजी देखने को मिली. इन्हीं में से एक है मर्करी ट्रेड लिंक्स. कंपनी के शेयर 6.40 प्रति शेयर से बढ़कर 12 रुपये प्रति शेयर हो गए. अकेले सितंबर के महीने में इसमें 87 परसेंट का उछाल आया. स्टॉक का परफॉर्मेंस इतना गजब रहा कि 11 सितंबर से लेकर 3 अक्टूबर तक लगातार इसमें अपर सर्किट लगा रहा. आठ महीने की गिरावट पर लगा ब्रेक  इस तेजी ने बीते आठ महीने में चली आ रही गिरावट का सिलसिला भी तोड़ दिया. इससे शेयरहोल्डर्स को बड़ी राहत मिली है, जो शेयर के फिर से संभलने का इंतजार कर रहे थे. भले ही पिछले महीने शेयर ने जोरदार वापसी की है, लेकिन इसे अभी और लंबा रास्ता तय करना है क्योंकि यह अभी भी दिसंबर 2023 में दर्ज अपने रिकॉर्ड हाई लेवल 105 रुपये प्रति शेयर से 88 परसेंट नीचे है. इसके अलावा, यह अपने 52-हफ्तों के हाई लेवल 39 प्रति शेयर से अभी भी 69 परसेंट नीचे है.  शेयर ने निवेशकों का खूब कराया मुनाफा  Mercury Trade Links के शेयरों ने अक्टूबर में भी अपनी बढ़त का सिलसिला जारी रखा है. बुधवार के कारोबार में इसमें 5 परसेंट का अपर सर्किट लगा और कीमत 12.61 प्रति शेयर पर पहुंच गए. यह लगातार 15वां दिन है जब शेयर अपर प्राइस बैंड पर बंद हुआ. इस दौरान इसने 6.12 रुपये प्रति शेयर से बढ़कर 106 परसेंट का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. हालांकि, पिछले तीन महीने में शेयर में लगभग 2 परसेंट, 6 महीने में 30 परसेंट और 1 साल में 69 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई है. इसके उलट Mercury Trade Links के शेयरों में तीन साल में 490 परसेंट और  5 साल में 519 परसेंट का जबरदस्त उछाल भी आया है. ट्रेंडलाइन की लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग डेटा के मुताबिक, कंपनी में सामान्य शेयरधारकों की 70.8 परसेंट हिस्सेदारी है, जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के पास 29.2 परसेंट हिस्सेदारी है. जून तिमाही से प्रमोटरों की कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं है.    डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.) ये भी पढ़ें: क्या COD ऑर्डर्स पर आपसे भी वसूला जा रहा एक्स्ट्रा चार्ज? सरकार अब उठाने जा रही है बड़ा कदम

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